GONDIA: मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती से दरिंदगी, कोर्ट ने सुनाई 14 साल की कठोर सजा..

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30 अप्रैल 2024

गोंदिया। 6 साल पूर्व एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती से यौन उत्पीड़न के मामले पर 29 अप्रैल को  मुख्य जिला एवं सत्र न्यायालय, गोंदिया ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दोषी आरोपी निरंजन पुरूषोत्तम चवरे, उम्र 41 वर्ष, को निवासी अर्जुनी/मोरगांव, जिला गोंदिया को 14 साल के कठोर कारावास और 7,000/- रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई।

उक्त मामला यह 10/01/2018 का है।  सुबह 11 बजे के बीच अर्जुनी/मोरगांव तालुका के अंतर्गत एक छोटे से गांव में यह घटना घटित हुई। पीड़िता 24 वर्षीय युवती मानसिक रूप से विक्षिप्त है और वह अपने माता-पिता के साथ रहती थी।

घटना वाले दिन उसके माता-पिता मजदूरी के लिए बाहर जा रहे थे। उस दिन वह घर में अकेली थी। इसका फायदा उपरोक्त आरोपी ने उठाया और पीड़िता के घर जाकर उसे बाथरूम में ले गया और उसके साथ दरिंदगी की।

उक्त घटना के समय जब पीड़िता चिल्ला रही थी तो पड़ोस में रहने वाली महिला ने आरोपी को देख लिया और आरोपी वहां से भाग गया. उक्त घटना की जानकारी महिला गवाह ने पीड़िता के माता-पिता को बताई।  इस पर पीड़िता की मां ने 10 जनवरी 2018 को पुलिस स्टेशन अर्जुनी मोरगाँव में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई.

पुलिस ने शिकायत मिलते ही आरोपी के विरूद्ध धारा 376(2)(जे)(एल), 450 आई.पी.सी. के तहत  मामला दर्ज किया गया. उक्त वादी की शिकायत पर तत्कालीन जांच अधिकारी अनिल कुंभरे, सहायक पुलिस निरीक्षक, पुलिस स्टेशन अर्जुनी/मोरगांव ने मामले की विस्तृत जांच की और आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया।

उक्त मामले में अभियुक्त के विरुद्ध अपराध सिद्ध करने हेतु सरकार/पीड़ित पक्ष की ओर से सहायक सरकारी अधिवक्ता वसंत कुमार एम. चुटे ने कुल 7 गवाहों की गवाही और अन्य दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश किये.

अभियुक्त और वादी/पीड़ित के वकील सहायक सरकारी अधिवक्ता कृष्णा डी. पारधी के बीच हुए विस्तृत तर्क, युक्तिवाद के बाद श्री. ए. टी.  वानखेड़े मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गोंदिया जिला ने आरोपी के खिलाफ सरकारी पक्ष के साक्ष्य को स्वीकार किया और आरोपी निरंजन चवरे, उम्र 41 वर्ष, निवासी अर्जुनी/मोरगांव, जिला गोंदिया, को भारतीय दंड संहिता की धारा ३७६ (२) (जे) (एल) अंतर्गत १० साल का सश्रम कारावास व रूपये ५,०००/- दंड व दंड न भरने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई।

इसी तरह भारतीय दंड संहिता की धारा ४५० अंतर्गत ४ साल का सश्रम कारावास व रूपये २,००० /- दंड व दंड न भरने पर २ महीने की अतिरिक्त सजा, ऐसे कुल १४ साल सश्रम कारावास व रूपये ७०००/- दंड की सजा सुनाई।

उक्त प्रकरण पुलिस अधिक्षक निखिल पिंगळे के मार्गदर्शन में पैरवी कर्मचारी पो.हवा. कृष्णकुमार अंबुले पो.स्टे. अर्जुनी/मोरगाव ने उत्कृष्ठ कामकाज देखा.

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